Love story: रिया को भी विक्रांत पसंद आ गया था

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गुड़गांव में नौकरी करते अब तो रिया को कई बरस हो गए थे ,29 साल की हो गई थी वो इसी बरस ।आज अचानक पापा का कॉल आया कि रिया पहली ट्रेन पकड़ और घर आ , रिया परेशान हो गई की ऐसा क्या है ? छोटे भाई को फोन किया उसने भी कुछ नहीं

Kahani Patni ka Mayka पत्नी का मायका

a man in a face mask sitting at the toorji ka jhalra bavdi

Kahani Patni ka Mayka पत्नी का मायका — कहानीमैंने दीवार की कील पर लटकी घड़ी की तरफ देखते हुए कहा शाम के 7:00 बज चुके हैं जल्दी खाने का टिफिन थैले में रखो श्रीमती जी रसोई में खड़ी खाना बांधते हुए बोली कई महीने हो गए मायके की शक्ल तक नहीं देखी मां का फोन

Desi Kahaniyan : बहू के गहनों का मोल नहीं था

Desi Kahaniyan : बहू के गहनों का मोल नहीं था: दोपहर के 2:00 बज रहे थे। घर का दरवाजा खुला हुआ ही था। सौम्या हॉल में बैठकर खाना खा रही थी। अभी पहला निवाला मुंह में लिया ही था कि घर के बाकी सदस्य चेहरे पर उदासी लिए घर में घुसे।सौम्या ने अपना खाना जारी

बहुत ही सुन्दर और दिल को छू लेने वाली कहानी है

            दिल को छू लेने वाली कहानी :  नारंगी से कपड़ों में, एक ज्योतिषी महोदय विराजमान थे। रसोई से ड्राइंग-रूम तक स्वादिष्ट पकवानों की खुशबू फ़ैली थी। छोटी चाची, बड़े पापा, ताई जी, बड़ी बुआ सब इधर-उधर उन्ही की सेवा – टहल में लगे थे। चाचा ने मुझे उनके सामने

Desi kahaniya: जिंदगी के हर पल को जीना चाहिए।

Desi kahaniya ज़िंदगी की गाड़ी जब जवान होती है, तो शारीरिक इच्छाएँ सिर चढ़कर बोलने लगती हैं। पहले 20 साल कब गुजर जाते हैं, पता ही नहीं चलता। इसके बाद नौकरी की तलाश शुरू होती है—यह नौकरी नहीं, वो नौकरी नहीं। ढेर सारी नौकरियाँ बदलने के बाद आखिरकार एक स्थिर नौकरी मिलती है। जब पहली

Moral Story: मां जी आपका बेटा बिगड़ा हुआ था।

Moral Story मां जी आपका बेटा बिगड़ा हुआ था तो उसे सुधारती, ना कि उसकी शादी करवाती Moral Story ” बहु रात के 11:00 बज रहे हैं। रोहन अभी तक घर पर नहीं आया और तू चैन से बैठी हुई है। कैसी पत्नी है तू? अपने पति को संभाल कर रखना भी नहीं आता। उसे

Desi Kahani: मायके के लोगो को भूल कर के भी अपने परिवार में  दखलंदाजी ना करने दें ?

Desi kahani

Desi kahani का वर्णन करते हुए, आप कह सकते हैं कि ये हिंदी भाषा में लिखी हुई कहानियां हैं जो भारतीय संस्कृति, परंपरा और लोगों के जीवन की घाटाओं पर आधारित होती हैं। ये कहानियाँ अलग-अलग विषयों पर लिखी जाती हैं जैसे प्रेम, परिवार, सामाजिक मुद्दे, और सामाजिक बातचीत। देसी कहानियाँ अक्सर हमारे दैनिक जीवन

Desi kahani 2 : Sanjh

Desi kahani 2 : Sanjh

Desi kahani 2 : Sanjh: अपने चश्मे को रूमाल से साफ करने के बाद टैलीविजन के साउंड को भी बढ़ा लिया था उस ने पर जब इतने से भी तसल्ली न हुई तो अपनी कुरसी को खींच कर टैलीविजन के बिलकुल नजदीक सरक आया था वह, जैसे अचानक ही अपने देखनेसुनने की क्षमता पर से

Desi Kahani: मैं कल से कॉलेज नहीं जाऊंगी

Desi kahani:- “पापा, मैं कल से कॉलेज नहीं जाऊंगी… अब और बर्दाश्त नहीं होता मुझसे,” कोयल ने लगभग रोते हुए अपने पिता सुंदर से कहा। “क्या हुआ बेटी, बताओ कुछ, यूँ रोना बंद करो, बताओ भी,” सुंदर ने पूछा। “पापा, रोज आते-जाते रास्ते में एक लड़का है, जो मुझे छेड़ता है, फिकरे कसता है। उसके