Laghu Katha in Hindi | तीसरा बेटा लघु कथा

Laghu Katha in Hindi तीसरा बेटा Laghu Katha in Hindi गहरी रात को भेदती ट्रेन अपनी पूरी रफ़्तार से भागी जा रही थी. खेत-खलिहान और वन-अरण्य सब अंधेरे में डूबकर पीछे छूटते जा रहे थे. कूपे की काफ़ी लाइट्स बंद हो चुकी थी, पर जया की आंखों में दूर-दूर तक नींद का नामोनिशान नहीं था.