Moral Stories for Childrens in Hindi | पापा मैं अपने शरीर के कितने हिस्से को ढकूं

Moral Stories for Childrens in Hindi: लड़की ने अपने पिता से पुछा –
पापा मैं अपने शरीर के कितने हिस्से को ढकूं और कितने हिस्से को खुला छोड़ दूं ?

पिता का बड़ा खूबसूरत जबाब मिला – बेटा जितने हिस्से पर तुम नर्क की आग सहन कर सको उतना हिस्सा खुला छोड़ दो,,

लड़की बोली- ऐसा क्यों पापा ?

पापा- क्योंकि पर्दा करना बहुत जरूरी है क्योंकि तुमने श्री कृष्ण की गोपियों के कपड़े चुराने बाली कहानी तो सुनी होगी जब गोपियां तालाब में निर्वस्त्र होकर नहाती थी तो भगवान श्री कृष्ण गोपियों के कपड़े उठा ले जाते थे और उनको परेशान करते थे वो ऐसा इसलिए करते थे क्योंकि वो नही चाहते थे कि कोई भी स्त्री बिना कपड़ों के नहाये,,
क्योंकि गोपियों को इंसान के अलावा जीव जंतु पशु पक्षी मछली व अन्य जानवर भी देखते थे,, जिसका ज्ञान गोपियों को नही था,, इसलिए वो बिना कपड़ों के नहाने के लिए मना करते थे व स्त्री को पर्दे में रहने की शिक्षा देते थे, लेकिन कुछ लोगो ने इसका उल्टा अर्थ निकाल लिया,,

लड़की बोली – पापा अगर में पर्दा करूँगी तो खूबसूरत कैसे दिखूंगी ?

पिता – इसका जबाब में बेटा बाद में दूंगा,,
कुछ दिन बाद पिता काम से विदेश चला गया,, और

वहाँ से उसने लड़की के लिये गिफ्ट भेजा,,

लड़की ने गिफ्ट खोला उसमे एप्पल का मोबाइल था,,

पिता का फोन आया –
बेटा गिफ्ट कैसा लगा ?

लड़की – बहुत अच्छा

पिता – बेटा अब क्या करोगे

लड़की – सबसे पहले मैं इस फोन का स्क्रीनगार्ड और कबर ख़रीदूंगी

पिता – इससे क्या होगा ?

लड़की – इससे फोन सेफ रहेगा

पिता- क्या ये सब लगाना जरूरी है ?

लड़की – हां पापा बहुत जरूरी है

पिता – क्या ऐप्पल कंपनी के मालिक ने ये लगाने के लिए बोला है ?

लड़की – हा पापा बॉक्स में इंस्ट्रक्सन लिखे है कि ये जरूर लगाएं

पिता – इनको लगाने से फोन खराब तो नही दिखेगा ?

लड़की – नही पापा इसको लगाने से मेरा फोन और ज्यादा खूबसूरत दिखने लगेगा,,

पिता – बेटा जब एक मोबाइल की सेफ्टी और खूबसूरत दिखने के लिए इस्क्रीनगार्ड और कबर बहुत इम्पोर्टेन्ट है।
तो बेटा तुम तो उस ईश्वर की नायाब रचना हो,,
तुम्हारी सेफ्टी और खूबसूरती के लिये ही उसने पर्दा करने को कहा है,, जब इस्क्रीनगार्ड और कबर से मोबाइल खूबसूरत हो जाता है उसी प्रकार पर्दा करने से तुम भी और ज्यादा खूबसूरत दिखोगी और सब तुम्हारी इज्ज़त भी करेंगे,,
,,शरीर खुला रखने से नही ढकने से खूबसूरती आती है,,

और ये केवल तुम पर नही हर इंसान पर लागू होता है वो चाहे स्त्री हो या पुरुष,,

अगर हम लोग भी निर्वस्त्र होकर घूमने लगे तो जानवरों और हममें कोई फर्क नही, और न ही हमे खुद को बुद्दिजीवी कहने का अधिकार है,,

बेटी की आखों के आंसू थे

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आज पिता ने अपनी बेटी को जिंदगी की एक महत्वपूर्ण शिक्षा दी थी…!!

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